
यमन मध्य पूर्व के सबसे ग़रीब देशों
में गिना जाता है. यहां सत्ता के लिए जारी संघर्ष में शामिल सशस्त्र गुटों
ने एक-एक करके अपने खेमे और दोस्त बदले. इन सबके बीच कथित जिहादी संगठनों
को भी यमन में अपना असर बढ़ाने का मौका मिला.
ज़मीन पर मार्च, 2015
से यमन में जो ताक़तें लड़ रही हैं, उनमें राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर
हादी की सेना है, हूथी विद्रोहियों के लड़ाके और उनका साथ दे रहे गुट शामिल
हैं. राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर हादी की सत्ता को अंतरराष्ट्रीय समर्थन
हासिल है. Sign up here with your email